कृष्ण जन्माष्टमी 2025
क्या आपने कभी सोचा है कि करोड़ों लोग हर साल कृष्ण जन्माष्टमी का इंतजार क्यों करते हैं और इसे इतनी धूमधाम से क्यों मनाया जाता है? इस शानदार त्यौहार का असली महत्व क्या है, और 2025 में जन्माष्टमी कब है? चलिए इस खास दिन की परंपरा, अर्थ और खुशी को आम शब्दों में जानते हैं!
1. कृष्ण जन्माष्टमी क्या है?

कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन है। श्रीकृष्ण हिंदू धर्म के बहुत लोकप्रिय देवता हैं। यह त्योहार भारत ही नहीं, विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भी बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इसे गोकुलाष्टमी भी कहते हैं, और यह भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आती है।
2. 2025 में जन्माष्टमी कब है?
सबसे आम सवाल है: 2025 में जन्माष्टमी कब है?
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 2025, शुक्रवार, 15 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। शुभ समय रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के अनुसार निर्धारित किया जाता है।
पर्व का नाम | 2025 की तिथि | दिन | महत्व | संबद्ध नक्षत्र |
---|---|---|---|---|
कृष्ण जन्माष्टमी 2025 | 15 अगस्त 2025 | शुक्रवार | श्रीकृष्ण जन्मदिवस | रोहिणी |
मुख्य पूजा मुहूर्त | स्थानीय समय अनुसार | – | आधी रात को जन्मोत्सव | रोहिणी नक्षत्र |
3. जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? (जन्माष्टमी का महत्व)
जन्माष्टमी का महत्व श्रीकृष्ण के जन्म की कथा से जुड़ा है। मान्यता है कि माता देवकी और वासुदेव के पुत्र श्रीकृष्ण आधी रात को मथुरा में जन्मे थे, ताकि धरती से बुराई को दूर किया जा सके। उन्होंने अत्याचारी कंस का अंत किया और प्रेम, बुद्धि और धर्म (कर्तव्य) का प्रतीक बने।

4. कृष्ण जन्माष्टमी के रीति-रिवाज व उत्सव
कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बहुत हर्षोल्लास से मनाया जाता है:
- घरों और मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है, व झाँकियाँ (झांकियां) लगती हैं।
- लोग दिनभर व्रत रखते हैं और रात 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के समय व्रत तोड़ते हैं।
- भजन, नृत्य, ‘रासलीला’ (कृष्ण की लीलाओं का नाट्य रूप), आयोजन होते हैं।
- दही-हांड़ी, जहां युवा दही की हांड़ी फोड़ते हैं, बहुत प्रसिद्ध है।
5. रोहिणी नक्षत्र का महत्व
रोहिणी नक्षत्र का जन्माष्टमी में बड़ा महत्व है। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए इस समय पूजा-आराधना करना ज्यादा शुभ माना जाता है।
6. जन्माष्टमी का सीधा और गहरा संदेश
जन्माष्टमी सिर्फ उत्सव या रस्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अच्छाई की बुराई पर जीत, प्रेम की शक्ति और सच्चाई व धर्म (कर्तव्य) पर चलने की प्रेरणा देता है। श्रीकृष्ण के आदर्शों से हम अपने जीवन में ये मूल्य अपनाने की कोशिश करते हैं।
जानकारी सारणी: कृष्ण जन्माष्टमी 2025
पक्ष | विवरण |
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त्योहार का नाम | कृष्ण जन्माष्टमी 2025 |
जन्माष्टमी की तिथि 2025 | 15 अगस्त 2025 |
कब है जन्माष्टमी 2025 | शुक्रवार, 15 अगस्त 2025 |
जन्माष्टमी का महत्व | श्रीकृष्ण जन्मदिवस, अच्छाई की बुराई पर जीत |
कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव | मध्यरात्रि पूजा, व्रत, दही-हांडी, सजावट |
संबद्ध नक्षत्र | रोहिणी नक्षत्र |
तो इस जन्माष्टमी, आइए प्रेम, भक्ति और उत्साह से त्योहार मनाएं। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को सेलिब्रेट करें और उनके उपदेशों व आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं!