"लखनऊ से अंतरिक्ष तक: शुभांशु शुक्ला की प्रेरक कहानी, पेशा और संपत्ति"
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“लखनऊ से अंतरिक्ष तक: शुभांशु शुक्ला की प्रेरक कहानी, पेशा और संपत्ति”


🧒 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला एक सरकारी अधिकारी थे, जबकि उनकी मां आशा शुक्ला एक गृहिणी थीं।

शिक्षा की शुरुआत सिटी मोंटेसरी स्कूल, लखनऊ से हुई। 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर उन्होंने सेना में जाने का निश्चय किया।
इसके बाद, उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से कंप्यूटर साइंस में स्नातक किया और 2006 में वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने IISc बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की।


🛫 भारतीय वायुसेना में करियर

शुभांशु ने वायुसेना में 2000 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव प्राप्त किया है। उन्होंने कई प्रकार के विमानों जैसे सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, हॉक, डोर्नियर और AN-32 पर उड़ान भरी है।

मार्च 2024 में उन्हें Group Captain के रूप में पदोन्नत किया गया। वे एक प्रशिक्षित परीक्षण पायलट भी हैं और वायुसेना के टेस्ट पायलट स्कूल में युवा पायलटों को प्रशिक्षित करते रहे हैं।


👨‍🚀 अंतरिक्ष यात्री बनने की यात्रा

2019 में शुभांशु शुक्ला को ISRO के मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चयनित किया गया। उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कोस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अंतरिक्ष प्रशिक्षण पूरा किया और फिर बेंगलुरु में विशेष मिशन प्रशिक्षण प्राप्त किया।

2024 में उन्हें Axiom Mission 4 (Ax-4) का पायलट बनाया गया—जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाने वाला एक निजी मिशन था।


🚀 Axiom Mission 4 (Ax-4): अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व

  • मिशन लॉन्च: 25 जून 2025 को स्पेसX के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च हुए। 26 जून को ISS से जुड़ गए।
  • समय: उन्होंने लगभग 18 दिन अंतरिक्ष में बिताए।
  • प्रयोग: 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए गए जिनमें शैवाल की ग्रोथ, बीज अंकुरण, मांसपेशी चयापचय और जैव-पुनर्योज्य प्रणालियाँ शामिल थीं।
  • उपलब्धि: ISS पर जाने वाले पहले भारतीय पायलट बने और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय

👨‍👩‍👧‍👦 निजी जीवन

शुभांशु की शादी डॉ. कामना शुक्ला से हुई है, जो एक डेंटिस्ट हैं और उनकी बचपन की मित्र भी रही हैं। उनका एक बेटा है जिसका नाम कियास है। उनकी दो बहनें हैं, जिनमें से एक MBA और दूसरी शिक्षिका हैं।

शुभांशु अपने सादगीपूर्ण व्यवहार और STEM शिक्षा के समर्थन के लिए भी जाने जाते हैं।


💰 नेटवर्थ और कमाई

  • Axiom Mission 4 के लिए उन्हें व्यक्तिगत वेतन नहीं मिला, लेकिन ISRO ने लगभग ₹550 करोड़ खर्च किए उनकी ट्रेनिंग और मिशन पर।
  • वायुसेना में Group Captain के रूप में उन्हें प्रति माह ₹1.5 – ₹2 लाख का वेतन मिलता है।
  • उनकी अनुमानित कुल संपत्ति ₹32 से ₹64 करोड़ (लगभग $4 – $8 मिलियन) के बीच बताई जाती है।

🏅 प्रमुख उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएं

  • ISS पर पहला भारतीय बनने का गौरव
  • ISRO के Gaganyaan मिशन के लिए मुख्य उम्मीदवार
  • देश भर में छात्रों को प्रेरित करने वाले वक्ता
  • भारत के अंतरिक्ष भविष्य का चेहरा

📊 प्रोफ़ाइल सारांश

विवरणजानकारी
जन्म10 अक्टूबर 1985, लखनऊ
शिक्षाNDA से B.Sc., IISc से Aerospace M.Tech
पेशाGroup Captain, IAF; अंतरिक्ष यात्री
उड़ान अनुभव2,000+ घंटे, कई विमानों पर
अंतरिक्ष मिशनAxiom Mission 4, जून 2025
कुल संपत्ति₹32 – ₹64 करोड़ अनुमानित
परिवारपत्नी: डॉ. कामना शुक्ला, बेटा: कियास

शुभांशु शुक्ला की यात्रा संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक गाथा है। एक आम परिवार से निकलकर उन्होंने अंतरिक्ष तक का सफर तय किया है। आज वे नई पीढ़ी के लिए आदर्श हैं और ISRO के महत्वाकांक्षी मिशनों का अहम हिस्सा बनने जा रहे हैं।

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